12th Compatmantal Exam Hindi VVI सब्जेक्टिव 2025: कक्षा 12वीं कंपार्टमेंटल परीक्षा हिंदी वायरल प्रश्न

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12th Compatmantal Exam Hindi VVI सब्जेक्टिव 2025: कक्षा 12वीं कंपार्टमेंटल परीक्षा हिंदी वायरल प्रश्न

12th Compatmantal Exam Hindi VVI सब्जेक्टिव 2025: 

अगर आप भी कक्षा 12वीं कंपार्टमेंटल सर्विसेज परीक्षा 2025 में भाग लिए हैं तब के लिए इस लेख में हिंदी 100 मार्क्स के वह टॉप 10 मोस्ट इंर्पोटेंट सब्जेक्टिव क्वेश्चन इस लेख में बताने वाले हैं

                                                                              (1) [प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना]

भारत में स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के समाधान हेतु आयुष्मान भारत योोजना की घोषणा वित्तमंत्री श्री अरूण जेटली ने 1 फरवरी 2018 के बजट भाषण में किया था। 21 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल 2018 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में आयुष्मान भारत योजना के तहत पहले स्वास्थ्य एवं कल्याण केन्द्र का उ‌द्घाटन किया। आयुष्मान भारत योजना की निगरानी सरकार द्वारा बनाई गई आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन एजेंसी करेगी।

भारत सरकार की यह महत्त्वकांक्षी योजना है। इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य योजना और वरिष्ठ नागरिक बीमा योजना को समाहित किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को 31 मार्च 2020 तक बढ़ाया गया। इसके लिए 85 हजार करोड़ रूपये की केन्द्रीय सहायता को मंजूरी दी गई। आयुष्मान भारत योजना के दो मुख्य घटक हैं- स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्र तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना।

स्वास्थ्य और आरोग्य केन्द्र के अंतर्गत लोगों के घरों के निकट 1.5 लाख स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्र खोले जायेंगे जहां असंक्रामक रोगों, मातृ-स्वास्थ्य और बाल स्वास्थ्य सेवाओं की देखभाल की सुविधाएँ होगी तथा आवश्यक दवाईयाँ और जाँच मुफ्त में उपलब्ध करायी जायेगी। इस योजना के लिए सरकार ने कुल 1200 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं।

योजना का दूसरा घटक राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना विश्व की सबसे बड़ा स्वास्थ्य योजना है। जिसके तहत 10.74 करोड़ परिवारों के 50 करोड़ से अधिक लोगों को कैशलेस तरीके से मुफ्त चिकित्सा सुविधाएँ दी जायेंगी। ये सुविधाएँ परिवार के हर सदस्य को दी जायेगी। इस योजना के द्वारा एक परिवार को सालाना 5 लाख तक सहायता दी जायेगी। इस राशि में केन्द्र तथा राज्य सरकार का अनुपात 60:40 का होगा। जबकि पूर्वोत्तर और तीन पहाड़ी राज्यों में केन्द्र का योगदान 90% तथा केन्द्रशासित प्रदेशों में केन्द्र सरकार अकेले खर्च वहन करेगी। राज्यों के विशेष नोडल ऑफिसर सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना 2011 के आँकड़ों के हिसाब से गरीब परिवारों की पहचान करेंगे। इन परिवारों को आधार डाटा से जोड़कर नगदी रहित पारदर्शी तरीके से सुविधा मुहैया कराई जायेगी। सरकार मौजूदा जिला अस्पताल को अपग्रेड कर 24 नये सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों की स्थापना करेगी। नई योजना के तहत हर तीन संसदीय क्षेत्रों या फिर एक जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे। इस योजना के लिए 2000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इतने बड़े स्वास्थ्य योजना को लागू करने में अनेक चुनौतियाँ हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार डॉक्टर तथा मरीज का अनुपात 1:400 का होना चाहिए मगर भारत में यह अनुपात 1:1700 का है। भारत में 40 फीसदी स्वास्थ्य सेवाएँ सरकारी और 60 फीसदी स्वास्थ्य सेवाएँ निजी क्षेत्रों के हाथों में है और कम बजट के कारण इस योजना को लागू करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। उनके बिना इतनी बड़ी योजना को धरातल पर सफला बनाना एक बड़ी चुनौती है।

गद्य-खण्ड

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उत्तर

प्रश्न-1. भगत सिंह की विद्यार्थियों से क्या अपेक्षाएँ हैं ?

उत्तर- भगत सिह कहते हैं कि देश को ऐसे देश सेवकों की जरूरत है जो तन-मन-धन देश पर अर्पित कर दें और पागलों की तरह सारी उम्र देश की आजादी के लिए या देश के विकास में न्योछावर कर दें। यह कार्य सिर्फ विद्यार्थी ही कर सकते हैं। सभी देशों को आजाद करने वाले वहाँ के विद्यार्थी और नौजवान ही हुआ करते हैं। वे ही क्रांति कर सकते हैं। अतः विद्यार्थी पढ़ें। साथ ही पॉलिटिक्स का भी ज्ञान हासिल करें और जब जरूरत हो तो मैदान में कूद पड़ें और अपना जीवन देश सेवा में लगा दें। अपने प्राणों को इसी में उत्सर्ग कर दें। यही अपेक्षाएँ हैं विद्यार्थियों से अमर शहीद भगत सिंह की।

 

प्रश्न-2. मुन्नी और बिशनी को किसकी प्रतीक्षा है, वे डाकिए की राह क्यों देखती हैं?

उत्तर- मानक बिशनी का पुत्र है है जो वर्मा में युद्ध के मोर्चे पर तैनात है। बहुत दिनों से उसकी चि‌ट्ठी नहीं आयी थी अतः मुन्नी और बिशनी पत्र आने की प्रतीक्षा कर रही हैं। युद्ध में अनगिनत लोग मारे गए हैं अतः उन्हें यह शंका सता रही है कि कहीं मानक का भी हस्र अन्य सिपाहियों की तरह न हो जाए।

प्रश्न-3. थारूओं की कला का परिचय पाठ के आधार पर दें।

उत्तर- धारूओं की गृहकला अनुपम है। कला उनकी दैनन्दिन जिंदगी का अंग है। धान पात्र

सौंक का बनाया जाता है, आकर्षक रंगों और डिजायनों में सजाया जाता है। सींक और मूँज से घरेलू उपयोगिता के सामान बनाने में उनका कोई सानी नहीं है। उनके गृह सामानों में उनकी कला और उसके सौन्दर्य की झलक मिलती है। धवल सीपों और बीज विशेष से बनाए जाने वाले आभूषण जो उनकी संस्कृति की झलक दिखलाते हैं, जिनका उदाहरण लेखक ने नववधू के अपने प्रियतम को कलेउ कराने के संदर्भ में झंकृत होने वाली वेणियों से दिया है। उनकी कला उनकी

मधुर और स्निग्ध संस्कृति की मनमोहक झलक दिखलाती है।

प्रश्न-4. अगर मनुष्य में वाक्शक्ति न होती तो क्या होता?

उत्तर- बात-चीत का आधार मनुष्य की वाक शक्ति है। अगर मनुष्य वाक् शक्ति सम्पन्न नहीं होता तो उसकी क्या दशा होती इसकी चिन्ता बालकृष्ण भट्ट ने व्यक्त की है। लेखक कहता है कि बातचीत का ढंग निराला होता है। बातचीत में कोई नाज नखरा नहीं होता, किसी मार्मिक और चुटीली बात द्वारा करतल ध्वनि नहीं करायी जाती और सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें किसी प्रकार प्रभाव जमाने का प्रयास निहित नहीं होता है। सारत् हम कह सकते हैं कि अगर मनुष्य में वाक्रशक्ति न होती तो कोई भी व्यक्ति अपने अनुभव की बातें दूसरों को नहीं कह पाता। सारी दुनिया गूंगी होती।

प्रश्न-5. जय प्रकाश नारायण के अनुसार डेमोक्रेसी का शत्रु कौन है?

उत्तर- सम्पूर्ण क्रान्ति आन्दोलन के समय आन्दोलन करने वालों को डेमोक्रेसी का दुश्मन कहते थे, सत्ताधारी कांग्रेसी लोग। इसी का उत्तर जय प्रकाश जी ने दिया है कि डेमोक्रेसी के शत्रु आन्दोलनकारी और जय प्रकाश नहीं हैं, कांग्रेस के लोग हैं जो शान्तिमय प्रदर्शन, आन्दोलन आदि करने वालों पर लाठी-गोली चलवाते हैं। शान्तिमय प्रदर्शन करने वालों को डेमोक्रेसी का शत्रु कैसे कहा जा सकता है। शान्तिमय प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठी चलवाने की आज्ञा देने वाले डेमोक्रेसी के शत्रु हैं।

प्रश्न-6. मालती के पति का परिचय दें।

उत्तर-मालती का पति महेश्वर एक डाक्टर है। अपने पेशे के प्रति ईमानदार और कर्तव्यपरायण लेकिन पत्नी के साथ उनका संबंध सामान्य है। उनके लिए पत्नी बस पत्नी है, प्रिया नहीं। मालती को खुश रखने या परिवेश को बदलने की क्षमता उनमें नहीं है। मालती के

प्रश्न-7. बिशनी कौन है? इसको किसकी प्रतीक्षा हैं?

उत्तर- बिशनी मोहन राकेश लिखित एकांकी ‘सिपाही की माँ’ की नायिका है। ‘सिपाही

की माँ’ एकांकी में वह जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रस्तुत की गई है। वह सिर्फ मानक की माँ नहीं, सिपाही की माँ है। उसमें ममता और स्नेह कूट-कूटकर भरा है। विशनी का पुत्र मानक है। उसे अपनी बहन की शादी के लिए पैसा चाहिए। अतः बिशनी पैसा कमाने हेतु अपने पुत्र मानक को लड़ाई में भेजती है। मानक की चि‌ट्ठी बहुत दिनों से नहीं आयी थी। अतः बिशनी पत्र आने की प्रतिक्षा कर रही है। उसे शंका सता रही है कि कहीं मानक का भी हश्र अन्य सिपाहियों की तरह न हो जाए।

प्रश्न-8. जय प्रकाश नारायण किस प्रकार का नेतृत्व देना चाहते थे?

त्तर-सन् 1974 में पटना के गाँधी मैदान में छात्र संघर्ष समिति के कार्यकर्त्ताओं तथा नागरिकों की अपार भीड़ को सम्बोधित करते हुए जय प्रकाश नारायण ने सबसे पहले नेतृत्व के सम्बन्ध में अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया था। उन्होंने छात्र संघर्ष समिति के सदस्यों से कहा था कि वे मार्ग दर्शन करेंगे नेतृत्व नहीं। मगर बहुत आग्रह करने पर वे इस शर्त के साथ तैयार हुए कि वे सबकी राय लेंगे। मगर फैसला वे करेंगे और सबको मानना होगा। अगर कोई उन्हें डिक्टेट करना चाहेगा तो वे इससे अलग हो जायेंगे।

प्रश्न-9. हेडमास्टर कलीराम ने ओम प्रकाश को क्या आदेश दिया ?

उत्तर- जूठन’ कहानी में हेडमास्टर ने ओमप्रकाश को आदेश दिया कि वह शीशम के पेड़ पर चढ़कर टहनियाँ तोड़कर पत्ते वाली झाडू बना ले, फिर पूरे स्कूल में झाडू देकर सीसे जैसा चमका दे। हेडमास्टर ने ओमप्रकाश से कहा कि यह तो उसका खानदानी काम है और वह उसमें फटाफट लग जाय।

प्रश्न-10. तिरिछ क्या है? यह कहानी में किसका प्रतीक है ?

उत्तर- ‘तिरिछ’ एक कहानी है जिसका कथानक लेखक उदय प्रकाश के पिताजी से सम्बन्धित है। इस कहानी का सम्बन्ध लेखक के सपने से भी है। एक दिन शाम को जब लेखक के पिताजी टहलने निकले तो एक तिरिछ ने उन्हें काट लिया। बहुत उपचार के बाद भी वे नहीं बच सके और कुछ दिनों बाद तिरिछ के जहर के प्रभाव से विक्षिप्त होकर मर गए। तिरिछ छिपकली प्रजाति का जहरीला लिजार्ड है जिसे ‘विषखापर’ भी कहते हैं। इस कहानी में तिरिछ प्रचलित रूढ़ियों एवं अन्धविश्वासों का प्रतीक है। दूषित मानसिकता से ग्रसित शहरी जीवन तिरिछ की तरह भयानक और विषैला हो गया है।

प्रश्न-11. लहनासिंह ने बोधा के प्रति किस त्याग का परिचय दिया था ?

उत्तर- बोधा सिंह सुबेदारनी और हजरा सिंह का बेटा है। एक बार सुबेदारनी जो लहनासिंह की कल्पना प्रेमिका थी, ने लहनासिंह को कहा था कि युद्ध भूमि में मेरे पति और बेटे की रक्षा करना। एक बार युद्ध भूमि के खन्दक में बोधा बीमार पड़ गया और सत्तर जर्मनों सिपाहियों ने आक्रमण कर दिया था। ऐसी विषम स्थिति में लहना सिंह ने बोधा सिंह को गाड़ी में लिटाकर भेजा और सुबेदारनी को दिये अपने वादे पर त्याग का परिचय दिया।

प्रश्न-12. ‘अर्द्धनारीश्वर’ की कल्पना क्यों की गई ?

उत्तर- अर्द्धनारीश्वर भारत का एक मिथकीय प्रतीक है जिसमें दिनकर अपना एक आदर्श निरूपित होते देखते हैं। अर्द्धनारीश्वर शिव का प्रतीक है। यह शिव और शक्ति (पुरूष और स्त्री) के बीच पूर्ण समन्वय का प्रतीक है। यह प्रतिपादित करता है कि पुरुष और स्त्री जीवन व्यापार में एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों एक-दूसरे पर निर्भर हैं। दोनों में कोई स्वतंत्र नहीं है। 

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