Class 12th Biology Most VVI Subjective Question 2025: 12th Biology ( जीव विज्ञान) लघु उत्तरीय प्रश्न
Class 12th Biology Most VVI Subjective Question 2025:
1. माध्यमिक/हेलोबियल भ्रूणपोष क्या है? (What is Helobial endosperm ?)
उत्तर- इस प्रकार के भ्रूणपोष में भ्रूणपोष केन्द्रक के विभाजन के द्वारा दो कोशिकाएँ बनाती हैं उनमें एक बड़ी होती है तथा दूसरी छोटी। बड़ी कोशिका को माइक्रोपाइलर चैम्बर (micropylar chamber) तथा छोटी को चैलेजल चैम्बर (chalazal chamber) कहते हैं। माइक्रोपाइलर चैम्बर के केन्द्रक में विभाजन के द्वारा मुख्य भ्रूणपोष बनता है। यह एकबीजपत्री पौधों के हेलोबी (Helobiae) समुदाय में पाया जाता है।
2. एकलिगता से क्या समझते है ? (What do you understand by Dicliny ?)
उत्तर- एकलिंगी पुष्पों में पर-परागण ही होता है, अर्थात् एकलिंगाश्रयी(dioecio us) पौधों में परागण का यही एक साधन है। उभयलिंगाश्रयी (monoecious) पौधों में प पर-परागण असफल होने पर स्व-परागण होता है। पुष्प की इस अवस्था को गेटोनोगैमी (geitonogamy) तथा ऐसे पुष्पों को गेइटोनोगेमस (geitonogamous) पुष्प कहते हैं।
3. स्वयंबंध्यता से क्या समझते हैं ? (What do you understand by self-sterility ?)
उत्तर- जब एक पुष्प के जायांग (gynoecium) का वर्त्तिकाग्र उसी पुष्प के परागकणों से पराजित नहीं होता है तब इस अवस्था को स्वयंयंध्यता कहते हैं। आलू, मटर इत्यादि पौधे इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
4. अंड समुच्चय क्या है? (What is Egg apparatus ?)
उत्तर- यह बीजांड द्वार (Micropyle) की ओर स्थित तीन कोशिकाओं का समूह है। इसमें बीच में अंड कोशिका (egg) होती है तथा उसके दोनों ओर एक-एक सहायक कोशिका (Synergid) पायी जाती है। अंड कोशिका में नीचे की ओर केन्द्रक होता है और ऊपर की ओर रिक्तियाँ होती हैं। सहाय कोशिका (Synergid) में अँगुलियों की तरह की रचनाएँ होती हैं, जिसे तंतुरूप समुच्चय (Filiform apparatus) कहते हैं। सहायक कोशिका में केन्द्रक ऊपर की ओर तथा रिक्तिका नीचे की ओर होती है। एक भ्रूणकोष में केवल एक अंड होता है।
5. Autogamy पर संक्षिप्त नोट लिखें। (Write a short note on a autogamy.)
उत्तर- यह एक प्रकार का स्व-परागण है जिसमें एक पूर्ण अथवा intersexual पुष्प का अपने ही परागकण द्वारा परागण होता है। यह तभी संभव है जब परागकोश एवं वर्तिकाग्र एक दूसरे के समीप हो तथा परागकण का निकलना एवं वर्त्तिकाग्र द्वारा ग्रहण करना एक साथ हो सके। यह तीन विधि से होता है-Homogamy, Cleistogamy एवं कली-परागण।
6. लघु बीजाणुजनन से आप क्या समझते है? (What do you understand by Microsporogenesis?).
उत्तर- पराग मातृकोशिका से अर्धसूत्री विभाजन द्वारा लघु-बीजाणु के निर्माण की प्रक्रिया को लघुबीजाणुजनन कहते होता है, बीजाणुजन ऊतकों की तब उनमें अर्द्धसूत्री विभाजन होता हैं। वस्तुतः बीजाणुजनन कोशिकाएँ जब कोशिकाएँ अर्द्धसूत्री विभाजन करती है, जिसके फलस्वरूप चार अगुणित बीजाणु (Spores) बनते हैं। इसे ही चारों बीजाणु चतुष्कों में विन्यसित होते हैं। हैं। जैसे-जैसे परागकोश विकसित लघुबीजाणु मातृकोशिकाओं का कार्य करती है, लघुबीजाणु (Microspores) कहते हैं। ये
पराग मातृकोशिका द्विगुणित होती है, अतः प्रत्येक मातृकोशिकाओं में अर्धसूत्री विभाजन होता है, फलस्वरूप चारो लघुबीजाणु और परागकण का निर्माण होता है, जो स्फुटन के साथ मुक्त होता है।
7. बहिर्प्रजनन (Outbreeding) की तकनीक का वर्णन करें। (Give an account of outbreeding devices.)
उत्तर- अधिकतर पुष्पी पौधों द्वारा उभयलिंगी पुष्प का उत्पादन होता है तथा परागकण लगभग उसी पुष्प के वर्तिकाग्र के स्पर्श में होता है। सतत् स्व- परागण के परिणामस्वरूप inbreeding depression होता है। पुष्पीय पौधों में स्वपरागण को रोकने के लिए कई तकनीक है तथा पर-परागण को बढ़ाव देता है। कुछ प्रजातियों में, परागकण का बाहर आना तथा वर्त्तिकाग्र की Receptivity साथ-साथ नहीं हो पाता है। या तो पहले परागकण release होता है या पहले वत्तिकाग्र receptive होता है अथवा वर्त्तिकाग्र Pollen के निकलने के बहुत पहले ही receptive हो जाता है। दोनों प्रकार का तकनीक Autogamy को रोकने का काम करता है। स्वपरागण को रोकने का एक दूसरा तकनीक है एकलिंगी पुष्प का उत्पादन। यदि किसी पौधे पर नर तथा मादा पुष्प मौजूद
हों तो यह Autogamy को रोकता है पर geitonogamy को नहीं। जैसे-रेडी एवं मक्का।
8. Pollen-Pistil interaction की क्रिया-विधि का वर्णन करें। (Give an account of pollen-pistil interaction.)
उत्तर- परागण द्वारा यह सुनिश्चित नहीं हो पाता है कि सही प्रकार के परागकण का स्थानांतरण हो रहा है या नहीं। यदा-कदा गलत तरह का परागकण या तो दूसरी प्रजाति का या उसी पौधे का वर्तिकाग्र पर गिरते हैं। Pistil में परागकण को पहचानने की क्षमता होती है कि वह सही प्रकार का है या नहीं। याती परागकण को स्वीकार कर पश्च-परागण की घटना को बढ़ावा देता है जो निषेचन कराता है। यदि गलत प्रकार का परागकण होता है, तो Pishi द्वारा परागकण को अस्वीकार कर दिया जाता है। Pistil का वह गुण जिससे वह खास प्रकार के परागकण को ग्रहण कर सके या अस्वीकार कर दे,
याह परागकण एवं Pistil के बीच की सतह क्रियाविधि पर निर्भर करता है। यह परागकण में मौजूद रासायनिक घटकों द्वारा सम्पन्न होता है।
9. मोनोकार्षिक फल/पौधे को उदाहरण सहित परिभाषित करें। (Define Monocarpic fruits/plants with example.)
उत्तर- ऐसे पौधे पूरे जीवन काल में सिर्फ एक बार ही पुष्पादन करता है तथा इसके बाद इनकी मौत हो जाती है। अतः ऐसे पौधे मोनोकार्षिक पौधे कहलाते है तथा इस फल को मोनोकार्षिक फल कहते हैं। सभी Annual (जैसे-गेहूँ, धान) पौधे तथा द्विवार्षिक पौधे (जैसे- मूली, गाजर) मोनोकार्षिक होते केल कुछ बहुवर्षीय पौधे भी मोनोकार्षिक होते हैं (जैसे-बाँस)।
10. Geitonogamy पर टिप्पणी लिखें। (Write a note on Geitonogamy.)
हो उत्तर- यह एक प्रकार का पर-परागण है जिसमें एक पुष्प का परागकण दूसरे पुष्प के वर्तिकाग्र पर स्थानांतरित होता है चाहे वह उसी पौधे के पुष् या आनुवंशिक रूप से समान पौधे हो। गीटोनोगैमी में पुष्प प्रायः रूपांतरण को प्रर्दाशत करता है, Xenogamy या पर-परागण की तरह ही।
11. किसी आवृत्तबीजी पौधों में निषेचन का वर्णन करें। (Give an account of fertilization in plants.) (= Angiosperms)
उत्तर- नर तथा मादा युग्मक के संलयन को निषेचन कहते हैं। बीज वाले पौधों में नर युग्मक को मादा गैमेटोफायट के अंडे के करीब पराग-नलिका द्वारा लाया जाता है। इस क्रिया को Siphonogamy कहते हैं। इसके द्वारा बड़ी संख्या में परागकण का अंकुरण वर्तिकाग्र के ऊपर होता है। सिर्फ इसका परागनलिका ही इस कार्य को करता है। पराग नलिका अंतकोशिकीय तथा Chemotropically बढ़ता है कैल्सियम कारी के ऊपर होता है। सिर्फ इसका संगठित जटिल रचना के संवेदीग्रहण द्वारा।
परागण का स्थानांतरण पराग-नलिका में कायिक केंद्रक के अलावा दोनों युग्मक द्वारा होता है।
12. भूण क्या है? (What is embryo ?)
उत्तर-भूण भ्रूणकोश या पुटी के बीजांड द्वारा सिरे पर विकसित होता है, जहाँ पर युग्मनज स्थित होता है। अधिकतर युग्मनज तब विभाजित होते है जब कुछ निश्चित सीमा तक भ्रूण पोष विकसित हो जाता है। युग्मनाम प्राकृक्षुण के रूप में वृद्धि करता है और इसके सापेक्ष ही गोलकार, हृदयाकार तथा परिपक्व भ्रूण में वृद्धि करता है। एक प्रास्पी द्विबीजपत्री भ्रूण में एक भूणीय अक्ष तथा दो बीजपत्र समाहित होते हैं।
13. केन्द्रकीय भ्रूणपोष से क्या समझते हैं? (What do you understand by Nuclear endosperm ?)
उत्तर-इस प्रकार के भ्रूणपौष में भ्रूणपोष केन्द्रक का विभाजन मुक्त केन्द्रकीय (free nuclear) होता है। इस प्रकार के विभाजन में फेन्द्रकों के बीच भित्तियों नहीं बनती है। अंत में कोशिका भित्तियों के बनने के कारण संपूर्ण भ्रूणपोष कोशिकीय (Cellular) हो जाता है। जैसे- नारियल का भ्रूणपीष केन्द्रकीय होता है। इसे द्रव सिन्सीटियम (liquid syncytium) भी कहते हैं।
14. अनिषेक फल क्या है? इस प्रक्रिया से बने एक फल का नाम दें।(What is Pseudocarpic fruit? Write name of such a fruit.)
उत्तर-यदि किसी फल का विकास बिना निषेचन के हो तो इसे अनिषेक फल कहते हैं, जैसे-अंगूर।
15. कृत्रिम संकरण पर नोट लिखें। (Write a note on Artificial Hybridisation.)
उत्तर-कृत्रिम संकरण (Artificial hybridisation) फसल improvement योजना का एक प्रमुख तकनीक है। इस तकनीक द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि वांछित परागकण का उपयोग परागण के लिए किया जाय। साथ ही वर्तिकाग्र को अवांछित परागकण के संक्रमण से बचाया जा सके। ऐसा Emasculation तथा bagging तकनीक से प्राप्त किया जा सकता है। यदि कोई मादा parents द्विलिंगी पुष्पवाला हो, तो पुष्प से परागकोष को अलग किया जाता है dehiscence से पहले। ऐसा एक जोड़ा चिमटा के प्रयोग द्वारा किया जाता है। इस Step को ही emasculation कहते हैं। Emasculated पुष्प को एक खास आकार के थैला द्वारा बैंक दिया जाता है। ये थैला प्रायः Butter paper का बना होता है। इस क्रिया को bagging कहते हैं। जब थैलावृत्त पुष्प का वर्तिकाग्र Receptivity को प्राप्त करता है, तो परिपक्व परागकण का संग्रह जो Male parent से किया गया हो, वर्तिकाग्र पर dusted किया जाता है तथा पुष्प को पुनः bagging कर विकसित होने के लिए छोड़ दिया जाता है।