Class 10th Hindi VVI Subjective Question 2025: कक्षा दसवीं हिंदी लघु उत्तरीय प्रश्न

WhatsApp Channel Join Now
Telegram channel Join Now

Class 10th Hindi VVI Subjective Question 2025: कक्षा दसवीं हिंदी लघु उत्तरीय प्रश्न

Class 10th Hindi VVI Subjective Question 2025:

(1) दही वाली मग्गमआ के कथावाचक कौन है उसका परिचय दीजिए :- 

उत्तर :- इस कहानी का कथा वाचक बेंगलुरु शहर के खुशहाल मध्य वर्ग की एक महिला है जिनके यही दही भेजती हुई मैग्मा हमेशा आया करती है। मैग्मा का उनके प्रति आदर और विश्वास का भाव बन गया है मैग्मा अपने सुख-दुख उन्हें सुनाया करती है। अपनी इच्छाएं और अनुभव उन्हें बताया करती है पुरुष टॉप क्योंकि वे सहानुभुत्वक मैग्मा की बातें सुनती है। वह मैग्मा के साथ सहज एक आत्मकथा रिश्ते में बंद की जाती है। अपने से ऊंची पढ़ी-लिखी और समझदार शहरी को पकड़ मैग्मा मुश्किल में उनके सलाह लिया करती है। कथा वाचिका की मैग्मा के परिवार रिश्ते नाते परिवेश और परिस्थितियों के अनुकूल उसे उचित सलाह देती है जिसे मैग्मा का और उसे परिवार का हिट छिपा होता है। कथा वाचिका पराया पत्थर है। जो की कहानी की प्रति प्रमाणिकता ब्यूरो और विस्तार के लिए जरूरी थी। किंतु तत्व होने के बावजूद कथा वाचिका प्रेम स्वानुभूति सद्भाव आदि से परिपूर्ण हो मानवीय है।

(2) मैग्मा का चरित्र चित्रण कीजिए |

उत्तर :- मैग्मा बेंगलुरु के पास एक गांव थी अधीर महिला है जो गाय भैंस पालकर दूध दही की धंधा करती है। हुआ रोज शहर में दही बेचने जाती है। मैग्मा किसान परिवार से है। घर में एक बेटा बहू और पोता उसके साथ ही रहते हैं। वॉच सीधी सरल साहित्य और कर्मठ स्तरीय। मैग्मा अपनी मेहनत और कर्माता से पैसे कम आती है तथा उन पैसे से अपने पूरे परिवार को सहेज कर मुट्ठी में करना चाहती है। बेंगलुरु में एक खुशहाल मध्यवर्गीय पारिवारिक की महिला मुखिया से रोज-रोज दही बेचने के प्रसंग में उनकी आत्म्यता हो गई है। मैग्मा का उन महिलाओं के प्रति विश्वास और आदर का संबंध बन गया है। पर आया हुआ खुलकर अपने सुख-दुख उन्हें बताया करती है। निजी पारिवारिक जीवन की व्याख्या तथा सुनाती है उसे सलाह भी लिया करती है पुलिस स्टाफ उससे वह एक तरह से मिलने के भाव में बन गई है। मैग्मा अपने पोते पर जान छिड़कती है। एक दिन उसकी बहू किसी बात पर पोते को पीट देती है तो बात को लेकर बहू से उसकी ठंड जाती है पुलिस तो अपने बेटे को भी इस मामले में बहू का पाठ लेते- देखकर उसके मर्म को ठीक लगती है और बेटे की बेरुखी देखकर वह अपने बहू बेटे से अलग हो जाती है। किंतु अलग होने के भी वह चैन नहीं पाती है। के पैसे वह कहां खर्च करें कि पर लुटाए फुल एचडी वह कुछ दिन वह अपने शौक श्रृंगार पर पैसे खर्च करने की कोशिश करती है। पर यह बात पति विहीन मैग्मा को जांचती नहीं। पोते और बहू बेटे के होते हैं खुद अच्छे कपड़े लेते हैं और स्वार्थी हो जाते हैं या बात कहीं उसे ही भीतर ही भीतर कचोटी है। उसे चोट ओकते भी। रंगप्पा नाम का एक बदमाश जारी था उसके पीछे ही लग जाता है शुरू में उस कर्ज मांगता है और बाद में अनेक तरह के उसे झांसी में लेने के लिए डेरो डालता है मैग्मा बहू और पोते से कटकर अकेली और उदास हो जाती है। उनके जीवन में सूनापन उभर आता है। बेटे बहू और मैग्मा के बीच में अंतर पोता ही सेतु बनता है पुलिस स्टाफ उनकी बहू बेटे को सिखा पढ़कर उसके साथ लगा देती है पूरा स्टॉप मां-बाप प्रकट में ही अलग होकर पोते को अपनी दादी का साथ देते देखकर मैग्मा को क्रोध और उनकी जिद जल जाती है। उनके भीतर अपनी बहू और बेटे के लिए दवा ढाका प्यार उसके मन में धोने वेग से उबर जाता है। मैग्मा ममता और प्यार से भरी हुई लवी महिलाएं हैं पूरेस्ट घर में बड़ी बुजुर्ग और प्रधान होने के कारण उनके भीतर जिम्मेदारी और जवाब दे के भाव को है पर इसे ज्यादा सच है कि प्रकट में बहु बेटे के नाजराजगी और मिलगांव के बावजूद वह उनके प्रति ममता और प्यार से भरी है। अपने बेटे को पीटने के अधिकार से भाव अपनी बहू से झगड़ा विवाद कर लेती है किंतु निश्चय करने के भी वह लंबे समय तक अलग नहीं रह पाती है जाकर भी खुद कर्ज और स्वार्थी नहीं बन पाती। नाराजगी में भी उसे अपने पोते की ममता भरी चिंता लगी रहती है और लंबे-लंबे में भी दूर और उनके बहुत सुंदर दिखाई पड़ती है। अपने परिवार के लिए प्यार और ममता वटी मैग्मा के जीवन का सत्य है। जिससे वह अंत अंत तक अखंड सौभाग्य के रूप में लेकर दही बेचने निकलने लगती है। ताकि अपने ग्राहकों की उसकी परिचय पहचान करवा सके अपनी दुनिया उसे ही सौंप कर खुद घर में होते और जानवरों को पाल सके अपनी गृहस्ती चला सके।

(3) . दही वाली मैग्मा कहानी का सारांश प्रस्तुत करें ?

उत्तर :- दही वाली मैग्मा कंकर कहानी श्रीनिवास की लिखी कहानी है यह एक दही बेचने वाली उसके बेटे बहु तथा पोते के परिवार की कहानी। कहानी के मुख्य पात्र मैग्मा है। वह गांव से चलकर बेंगलुरु शहर के एक खुशहाल मधु वर्गीय परिवार में आकर रोज दही दे जाती है। इन की इन परिवार की मालिकाना से धीरे-धीरे मित्रता होती चली जाती है। बाद में मैग्गम अपने घर परिवार के सुख-दुख दिल खोलकर उन्हें बताने लगते हैं ताकि उचित सलाम मिले। बहू को एक दिन पोते को पीटने देख लेते  मैग्मा इस बात कर दुख हुआ कि अपने मन की नाराजगी बेटे से जताई पर बेटे ने पत्नी का ही पक्ष लिया और मन से कह कर दिया कि वह अलग होना चाहती है तो एक एतराज नहीं मैग्मा क्रोध में आकर अपने अलग-अलग गृहस्ती से बात लेती है। एक दिन मालिकाना को मैग्मा के बातचीत से लगा है कि वह भीतर से उदास है। अपने पैसे मैग्मा कहां खर्च करें। उसे समझ में नहीं आ रहा था। हुआ अपने लिए तो एक एतराज नहीं मैग्मा क्रोध में आकर अपने अलग-अलग गृहस्ती से बात लेती है। एक दिन मालिकाना को मैग्मा के बातचीत से लगा है कि वह भीतर से उदास है। अपने पैसे मैग्मा कहां खर्च करें। उसे समझ में नहीं आ रहा था। हुआ अपने लिए गाने पकाने खरीदने लगती है। अच्छी तरह रहने लगती है। उसकी उदासी खत्म नहीं होती। इस बीच गांव का एक बदमाश जारी रंगप्पा उसे अकेली मालदार तथा और सुरक्षित प्रकार पीछे लग जाता है तब मैग्मा को एहसास होता है कि परिवार से कट जाने के कारण या खतरा अखाड़ा हुआ। मैग्मा घर परिवार की लड़कियों से अभी बड़ी हुई है। या मालिकाना को लगा लगा। हुआ उस गलती का एहसास होता है पुलिस ऑफिस मैग्मा का पोता जाकर उसके साथ रहने लगता है। धीरे-धीरे मैग्मा वापस परिवार में भूल मिल जाती है। अब मैग्मा और उसकी बहू नजम्मा दोनों एक ही दही बेचने जाती है पुलिस ऑफ मैग्मा पोते को गोद में लिया आती है और दही का टकरा नजम्मा के सिर पर रखता है पुलिस स्टाफ मैग्मा मलिक तीन से बहू का परिचय कराती है। वास्तव में पोते को दादी के पास बहुत से ही सीखा पढ़कर भेजा था। पोते के प्रति अटूट लगाओ के कारण सांस लौट जाएगी यह सोचकर बहू ने या तरकीब अपनाई पुलिस स्टाफ उसे डर था की सास का पैसा कहीं किसी और को ना मिल जाए।

यह कहानी पारिवारिक रिश्ते के बीच रहते हुए जिंदगी समाज और संसार के समाज बढ़ाने की कहानी। या रिश्ते के बीच समझदारी के बचाने किन प्रतिक्रिया का आरंग साक्षात्कार कराती है।

(4) घंटे विश्वास कहानी के आधार पर प्रमाणित करें कि उड़ीसा का जल जीवन बाढ़ और सुख काफी प्रभावित रह रहा है।

उत्तर :- उड़ीसा में तीन और जंगल पहाड़ है और दक्षिणी दिशा में समुद्र। ज्यादातर आबादी क्षेत्र और मैदान में होने के कारण समुद्र की तरह ही बसी हुई है। उड़ीसा के मैदान के चप्पे छपे से होकर नदियां बहती हुई समुद्र में मिलती है। एक और समुद्र का ज्वार भाटा तो दूसरी और जंगल पहाड़ से होकर बहने वाली नदियां प्रयाग बाढ़ सुखाड़ तूफान आदि लगती रहती है। उड़ीसा में संसाधन सीमित है। वहां की उपजाऊ जमीन भी मुट्ठी भर लोगों के बीच ही सीमित है। इसलिए अधिकतम आबादी गरीबी और भाव से जुड़ती हुई कठोर परिश्रम और संघर्ष के द्वारा ही आणि जीवन रक्षा करती है। नदियां के किनारे बड़े-बड़े ऊंचे बांध बनाकर खेती किसानी के अनुकूल माहौल रचना की कोशिश की गई है किंतु प्रबल समुद्र तूफान और वेग पूर्ण जल प्रवाह के साथ आने वाली बाढ़ के बार-बार इन बंद को तोड़ने की कोशिश की है। बांध टूटने पर खेती को नष्ट होती है। आबादी और जनजीवन की भी आर पार क्षति होती है फॉरेस्ट प्राकृतिक प्रकोपों के बीच भाव और गरीब में जीते हुए यह के जनमानस के दारु संकट तथा दुर्जन विपदाओं की अनेक समितियां बसी हुई है फॉरेस्ट प्रस्तुत कहानी में लक्ष्मी उनके परिवार और अरुण के लोगों के माध्यम से अचानक आई बाढ़ और बढ़ को टूटने की ऐसी ही कथा का जीवंत चित्रण किया गया।

(5) ढाते विश्वास कहानी का सारांश प्रस्तुत करें।

उत्तर :- भयंकर प्राकृतिक विपदा के सामने मनुष्य किस तरह आशा निहित हो जाता है, किस तरह ईश्वर पर से उसका विश्वास उठ जाता है ढाते विश्वास कहानी में हमें देख सकते हैं यह एक प्रभावशाली कहानी है जो अपने विषय पर पूरी तरह केंद्रित है। इन में विस्तार से लड़ती एक किस स्त्री और लक्ष्मी जो कहानी की नायिका है। लक्ष्मी इन विवाद की घड़ी में जिंदा रहने तथा अपने बेटे छोटे परिवार को बचाने की असफल कोशिश करती है। चमार स्थिति तब पैदा होती है जब अपने स्तन से अपने नन्हें प्यार का मुंह लग नहीं महसूस करवा एक भाकर आए एक नवजात नृत्य बच्चों को स्तन से लगाकर खींच लेती है।

लगातार कई दिन की बारिश के कारण लक्ष्मी आशिक हो गई थी। इस साल तो तूफान आया फिर सूखा पड़ा और बाढ़ का खतरा सामने आ खड़ा था पुलिस स्टाफ लक्ष्मी की अपनी एक सीधे की खेत में। पारिवारिक चलाने के लिए उसे मजदूरी भी करनी पड़ती। हुआ कर्मठ किस स्त्री थी पुलिस स्टाफ उसका पति प्रदेश कोलकाता में काम करता था और विपदा की इन घड़ी में साथ में नहीं था। लक्ष्मी का गांव देवी नदी के बांध के नीचे बसा था। दिल्ली बंद पिछली बार टूट था तो भी आकर मच गया था |

बाढ़ जब एकदम आसान हो गया तो गांव के लड़के बंद पर निगरानी करने लगे रेट की बेरिया कमजोर किनारो पर डालने लगे। इसमें एक रात का रथ राजा भी हुआ। पर अंत में दोपहर में बांध टूट ही गया। पर इसके पूर्व कुछ लड़कों ने गांव वाले को सावधान कर दिया। लोग पास के तिल पर देखते-देखते पानी की धारा चारों तरफ वेग से बनने लगी। लक्ष्मी पेड़ पर चढ़कर जान बचाने का प्रयास की इसी बीच उसे कब बेहोशी आ गई पता ना चला पुलिस स्टेशन जब होश आया तो सब कुछ लुट चुका था। गॉड का बच्चा भी भाग गया था पुलिस स्टॉप पर अपने-अपने स्थान को उसके मुंह में ना महसूस कर घबरा कर देखा और विलाप करने लगी। अंतिम मार्मिक दृश्य में एक मृत अनजान अनजान बच्चों को जो बाहर उसकी पेड़ की दाल में फंस गया था पुलिस स्टॉप खींचकर अपने सीने से सता लिया स्तन को समूह में डाल दिया।

इस तरह यह कहानी प्राकृतिक आपदाओं के बीच जीते हुए संघर्षशील परिश्रम ओरिया किसान के जीवन संघर्ष का उनकी जीविषा का एक यथार्थ चित्रण करती है और कुछ मुख्य प्रश्न हमारे आगे छोड़ जाती है।

(6) कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर विचार कीजिए ?

उत्तर :- बाढ़ की प्राकृतिक आपदा के बीच विप्णता और अभाव से जूझते उड़ीसा के घोर परिश्रम जनजीव का यह कहानी जीवंत चित्रित करती है। किंतु यह कहानी शीर्षक है रहते विश्वास जो इस बात का घोषणा है कि कठिन जीवन संघर्ष के बीच वहां के लोगों के मन की आस्था दूर हो रही है पुलिस स्टेशन के विश्वास डर जाते हैं पुलिस स्टाफ जर्मनी की विश्वासों का दाना प्राकृतिक आपदा से कहीं अधिक भाग्यवान है। इन्हीं विश्वासों के बल पर निरंतर तूफान सुख बाद विभिन्नता आदि की विपरीत जीवन अतिथियों के बीच भी लोग जाते हैं। इन विश्वासों से ही वह शक्ति मिलती है जिससे सहारे में बड़ी-बड़ी जेल जाते रहते हैं। यह विश्वास वस्तु तक क्या यह विश्वास ईश्वर में प्राकृतिक में समुद्र नदियां जंगल पहाड़ और धरती में कायम रहने वाले विश्वास है। लेकिन इससे बढ़कर यह विश्वास मनुष्य की आपसी संबंध के बीच उसे और उसके नापे हुए विश्वास है। परिवार आदेश पुरुष परिजन पूराजन सभी एक दूसरे से विश्वास के रिश्ते में जुड़े और बंधे हुए हैं मानव संबंध से प्राप्त रहने वाली शक्ति के सहारे ही वह कठिन काश को भरी जिंदगी जीते आए हैं किंतु और उनके खुले आरक्षित जीवन में एक दूसरे करने वाली एक ऐसी प्राकृतिक आपदाएं जब आएगी तो वह अपने विश्वास को जाते हुए देखेंगे और टूट जाएंगे या सबसे बड़ी मान्यता होगी। कहानी सात करी होता उड़ीसा जीवन की इसी मनमाड टू विपदा और मानवीय त्रासदी का इन कहानी में प्रमाणित चित्रण करते हैं यह चित्र निश्चय समाज की उन संरचना और शक्तियों के आगे एक सवाल खड़ा करता है। समस्या और शक्तियां समाज की सुरक्षा और जीवन व्यवस्था का दायित्व अपने कंधों पर उठाए हुए हैं पुलिस स्टाफिंग दृष्टि से कहानी के शीर्षक के सार्थकता सती पर संदिग्ध है।

 

 

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top