12th Hindi Most VVI Short Question 2025: कक्षा 12वीं हिंदी लघु उत्तरीय प्रश्न 2025 परीक्षा
प्रश्न-1. भगत सिंह की विद्यार्थियों से क्या अपेक्षाएँ हैं ?
उत्तर- भगत सिंह कहते हैं कि देश को ऐसे देश सेवकों की जरूरत है जो तन-मन-धन देश पर अर्पित कर दें और पागलों की तरह सारी उम्र देश की आजादी के लिए या देश के विकास में न्योछावर कर दें। यह कार्य सिर्फ विद्यार्थी ही कर सकते हैं। सभी देशों को आजाद करने वाले वहाँ के विद्यार्थी और नौजवान ही हुआ करते हैं। वे ही क्रांति कर सकते हैं। अतः विद्यार्थी पढ़ें। साथ ही पॉलिटिक्स का भी ज्ञान हासिल करें और जब जरूरत हो तो मैदान में कूद पड़ें और अपना जीवन देश सेवा में लगा दें। अपने प्राणों को इसी में उत्सर्ग कर दें। यही अपेक्षाएँ हैं विद्यार्थियों से अमर शहीद भगत सिंह की।
प्रश्न-2. मुन्नी और बिशनी को किसकी प्रतीक्षा है, वे डाकिए की राह क्यों देखती हैं?
उत्तर- मानक बिशनी का पुत्र है जो वर्मा में युद्ध के मोर्चे पर तैनात है। बहुत दिनों से उसकी चिट्ठी नहीं आयी थी अतः मुन्नी और बिशनी पत्र आने की प्रतीक्षा कर रही हैं। युद्ध में अनगिनत लोग मारे गए हैं अतः उन्हें यह शंका सता रही है कि कहीं मानक का भी हरुन अन्य सिपाहियों की तरह न हो जाए।
प्रश्न-3. थारूओं की कला का परिचय पाठ के आधार पर दें।
उत्तर- थारूओं की गृहकला अनुपम है। कला उनकी दैनन्दिन जिंदगी का अंग है। धान पात्र सौंक का बनाया जाता है, आकर्षक रंगों और डिजायनों में सजाया जाता है। सींक और मूँज से घरेलू उपयोगिता के सामान बनाने में उनका कोई सानी नहीं है। उनके गृह सामानों में उनकी कला और उसके सौन्दर्य की झलक मिलती है। धवल सीपों और बीज विशेष से बनाए जाने वाले आभूषण जो उनकी संस्कृति की झलक दिखलाते हैं, जिनका उदाहरण लेखक ने नववधू के अपने प्रियतम को कलेउ कराने के संदर्भ में झंकृत होने वाली वेणियों से दिया है। उनकी कला उनकी
मधुर और स्निग्ध संस्कृति की मनमोहक झलक दिखलाती है।
प्रश्न-4. अगर मनुष्य में वाक्शक्ति न होती तो क्या होता?
उत्तर- बात-चीत का आधार मनुष्य की वाक शक्ति है। अगर मनुष्य वाक् शक्ति सम्पन्न नहीं होता तो उसकी क्या दशा होती इसकी चिन्ता बालकृष्ण भट्ट ने व्यक्त की है। लेखक कहता है कि बातचीत का ढंग निराला होता है। । बातचीत में में कोई कोई नाज नखरा नहीं होता, किसी मार्मिक और चुटीली बात द्वारा करतल ध्वनि नहीं करायी जाती और सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें किसी प्रकार प्रभाव जमाने का प्रयास निहित नहीं होता है। सारत् हम कह सकते हैं कि अगर मनुष्य में वाक्शक्ति न होती तो कोई भी व्यक्ति अपने अनुभव की बातें दूसरों को नहीं कह पाता। सारी दुनिया गूंगी होती।
प्रश्न-5. जय प्रकाश नारायण के अनुसार डेमोक्रेसी का शत्रु कौन है?
उत्तर- सम्पूर्ण क्रान्ति आन्दोलन के समय आन्दोलन करने वालों को डेमोक्रेसी का दुश्मन
कहते थे, सत्ताधारी कांग्रेसी लोग। इसी का उत्तर जय प्रकाश जी ने दिया है कि डेमोक्रेसी के शत्रु आन्दोलनकारी और जय प्रकाश नहीं हैं, कांग्रेस के लोग हैं जो शान्तिमय प्रदर्शन, आन्दोलन आदि करने वालों पर लाठी-गोली चलवाते हैं। शान्तिमय प्रदर्शन करने वालों को डेमोक्रेसी का शत्रु कैसे कहा जा सकता है। शान्तिमय प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठी चलवाने की आज्ञा देने वाले डेमोक्रेसी के शत्रु हैं।
प्रश्न-6. मालती के पति का परिचय दें।
उत्तर–मालती का पति महेश्वर एक डाक्टर है। अपने पेशे के प्रति ईमानदार और कर्तव्यपरायण लेकिन पत्नी के साथ उनका संबंध सामान्य है। उनके लिए पत्नी बस पत्नी है, प्रिया नहीं। मालती को खुश रखने या परिवेश को बदलने की क्षमता उनमें नहीं है। मालती केप ति महेश्वर में जीवन्तता की कमी है। महेश्वर ने अपने पेशे की तरह पारिवारिक जीवन को भी यांत्रिक बनाये हुए हैं। मालती को समझने का, उसकी चिन्ताओं को जानने का महेश्वर के पास अवकाश नहीं है।
प्रश्न-7. बिशनी कौन है? इसको किसकी प्रतीक्षा हैं?
उत्तर- बिशनी मोहन राकेश लिखित एकांकी ‘सिपाही की माँ’ की नायिका है। ‘सिपाही की माँ’ एकांकी में वह जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रस्तुत की गई है। वह सिर्फ मानक की माँ नहीं, सिपाही की माँ है। उसमें ममता और स्नेह कूट-कूटकर भरा है। विशनी का पुत्र मानक है। उसे अपनी बहन की शादी के लिए पैसा चाहिए। अतः बिशनी पैसा कमाने हेतु अपने पुत्र मानक को लड़ाई में भेजती है। मानक की चिट्ठी बहुत दिनों से नहीं आयी थी। अतः बिशनी पत्र आने की प्रतिक्षा कर रही है। उसे शंका सता रही है कि कहीं मानक का भी हश्र अन्य सिपाहियों की तरह न हो जाए।
प्रश्न-8. जय प्रकाश नारायण किस प्रकार का नेतृत्व देना चाहते थे?
उत्तर– सन् 1974 में पटना के गाँधी मैदान में छात्र संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं तथा नागरिकों की अपार भीड़ को सम्बोधित करते हुए जय प्रकाश नारायण ने सबसे पहले नेतृत्व के सम्बन्ध में अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया था। उन्होंने छात्र संघर्ष समिति के सदस्यों से कहा था कि वे मार्ग दर्शन करेंगे नेतृत्व नहीं। मगर बहुत आग्रह करने पर वे इस शर्त के साथ तैयार हुए कि वे सबकी राय लेंगे। मगर फैसला वे वे करेंगे और सबको मानना होगा। अगर कोई उन्हें डिक्टेट करना चाहेगा तो वे इससे अलग हो जायेंगे।
प्रश्न-9. हेडमास्टर कलीराम ने ओम प्रकाश को क्या आदेश दिया ?
उत्तर- ‘जूठन’ कहानी में हेडमास्टर ने ओमप्रकाश को आदेश दिया कि वह शीशम के पेड़ पर चढ़कर टहनियाँ तोड़कर पत्ते वाली झाडू बना ले, फिर पूरे स्कूल में झाडू देकर सीसे जैसा चमका दे। हेडमास्टर ने ओमप्रकाश से कहा कि यह तो उसका खानदानी काम है और वह उसमें फटाफट लग जाय।
प्रश्न-10. तिरिछ क्या है ? यह कहानी में किसका प्रतीक है ?
उत्तर- ‘तिरिछ’ एक कहानी है जिसका कथानक लेखक उदय प्रकाश के पिताजी से सम्बन्धित है। इस कहानी का सम्बन्ध लेखक के सपने से भी है। एक दिन शाम को जब लेखक के पिताजी टहलने निकले तो एक तिरिछ ने उन्हें काट लिया। बहुत उपचार के बाद भी वे नहीं बच सके और कुछ दिनों बाद तिरिछ के जहर के प्रभाव से विक्षिप्त होकर मर गए। तिरिछ छिपकली प्रजाति का जहरीला लिजार्ड है जिसे ‘विषखापर’ भी कहते हैं। इस कहानी में तिरिछ प्रचलित रूढ़ियों एवं अन्धविश्वासों का प्रतीक है। दूषित मानसिकता से ग्रसित शहरी जीवन तिरिछ की तरह भयानक और विषैला हो गया है।