Class 12th Biology VVI Subjective Question 2025: कक्षा 12वीं जीव विज्ञान दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Q 1 . लैमार्क एवं डार्विन के सिद्धांत में अंतर :-
लैमार्क का सिद्धांत | डार्विन का सिद्धांत |
(1) लैमर का मट्ठा की जिराफ के पूर्वज की गर्दन छोटी थी तथा वह भोजन हेतु पैरों की पत्तियां तक पहुंचाने के प्रयास में लगे थे। | किंतु दूरबीन का मट्ठा की जिराफ के पूर्वज की गर्दन की लंबाई भिन्न-भिन्न थी। लंबाई में यह विभिनता के कारण थी यह विभिनता वंशगत है | |
(2) लैमार्क ने कहा कि बाद के वंशजों के जिराफ की गर्दन लंबी हो गई वह पूर्वज भोजन हेतु पत्तियां तक पहुंचाने की चेष्टा करते हैं। | इनके विपरीत डार्विन का मट्ठा की प्रतिस्पर्धा एवं प्राकृतिक चयन के फल स्वरुप लंबी गर्दन वाले जिराफ ही शीश रह पाए। |
(3) लैमर के अनुसार आधुनिक जिराफ की गर्दन की लंबाई बराबर बढ़ती ही गई | | किंतु डार्विन ने कहा की स्पर्धा के पश्चात केवल लंबी गर्दन वाली जिराफ कामयाब रह गए। |
(2) लैंगिक जनन क्या है (sexual reproduction) :- लैंगिक जनन लगभग सभी जीवधारियों द्वारा प्रयोग किया जाता है, परंतु उच्च वर्गीय पौधों तथा जंतुओं में यह जनन की एकमात्र विधि है। लैंगिक जनन विपरीत लिंग वाले जीवो द्वारा नर तथा मादा युग्मक बनाए जाते हैं। नर युग्मक तथा मादा युग्मक के संलयन से युग में बनता है। या विकसित होकर नए जीव को जन्म देता है
नर तथा मादा दोनों ही एक प्रकार के केमिस्ट्री विभाजन के फलस्वरूप बनते हैं। इस प्रकार के विभाजन में गुणसूत्र की संख्या आदि रह जाती है। उदाहरण के लिए मनुष्य में 46 क्रोमोसोम होते हैं अथवा अर्थ विभाजन के पक्ष और तथा शुक्राणु में केवल 23 क्रोमोसोम विद्वान होते। निषेचन के पश्चात जयपुर बनता है जिसमें पूनम क्रोमोसोम की संख्या 46 हो जाती इस प्रकार संतत में गुणसूत्र की संख्या जनक जीव समान हो जाती है। इस क्रम में संस्कृत में दोनों जनों को की कुछ विशेषताएं मिश्रित हो जाती |
पादप कवक तथा जंतु बाय आकार की आंतरिक संरचना तथा शरीर क्रिया विज्ञान एक दूसरे बिल्कुल भिन्न होते हैं। परंतु यह जब लैंगिक जनन के लिए पास आते हैं तब सभी में एक समान पैटर्न पाया जाता है।
सभी जीवो के लिए लैंगिक जनन से पूर्व वृद्धि की एक निश्चित अवस्था तक आना पड़ता है। जब जीव परिपक्व हो जाता है तब वह लैंगिक जनन करने के लिए समर्थ हो पता है।
जंतुओं के वृद्धि की इस अवस्था को किशोरावस्था की व्यवस्था कहा जाता है पादप में अवस्था का एक प्रावस्था कहलाता है किशोरावस्था की प्रावस्था तथा कैक अवस्था की अवधि अलग-अलग जीवन में भिन्न होती है।
पादप में कायिक प्रावस्था की संपत्ति के पश्चात पुन प्रारंभ हो जाता है जिसे आसानी से देखा जा रहा है। धान गेहूं गेंदा आदि पौधों में वार्षिक होते हैं। इसके बीच जमीन में गिरने के बाद अंकुरित होते हैं और वृद्धि कार्य व्यवस्था में आ जाते हैं फॉरेस्ट ऑफिस के बाद उसमें फूल लगते हैं परगना तथा निषेचन के पश्चात बी बन जाते हैं और एक वर्ष के अंदर उनके जीवन चक्र पूर्ण हो जाती है। कुछ पौधे जैसे आम नारियल आदि में उत्पन्न होने में कई वर्ष लगते हैं।
पादप वार्षिक दिवार्षिक तथा भाव वार्षिक होते हैं कुछ पौधे ऐसे जिसमें वर्ष भर में पुष्पी कारण होता रहता है। जिससे गुडहल फूल स्टॉप कुछ पादप ऐसे जामुन लीची आदमी वर्ष में एक बार पोस्ट होते पुलिस आम के प्राय 2 वर्ष एक बार पुष्पम होता है। इस प्रकार के पुष्प आसान एकांतर पुष्प आसान कहलाता है |
वैसे पादप जो वार्षिक तथा दो वार्षिक श्रेणियां में रखे गए हैं वह स्पष्ट रूप से कार्य जानिया तथा प्रदर्शित करते हैं पुलिस तो परंतु बहू भारतीय स्पष्ट रूप में परिभाषित करना कठिन होता है।
कुछ बाद में पूरे जीवन काल में केवल लिखित पुष्प पैदा करते हैं। जैसे आवेग बस की प्रजाति अपने पूरे जीवन काल में सामान्य 50 से 100 वर्ष के बाद केवल एक ही बार कुछ पैदा करते हैं पुलिस स्टॉप बड़ी संख्या में फल बनते हैं और मर जाते हैं पुलिस ऑफ बस में के प्रबंधक होता है इसलिए लैंगिक जनन का इस पौधे में बहुत महत्व नहीं रह जाता है। वैसे पौधे जिनमें जीवन काल में केवल पुष्प बताना उसे मोनोकार्पिक कहते हैं।
बस की तरह एक दूसरा पौधा एस्ट्रो वायलिंथ कुंती आना इसके नील कुरिंजी कहा जाता है यह पौधे 12 वर्ष में एक बार पूछ होता है विगत दिनों में 2006 में पौधे में इतनी अधिक पुष्प बने थे कि केरल कर्नाटक तमिलनाडु में परिक्षेत्र में सड़क के गिरने पुष्प शासन कालीन सब बेच गया था जंतु में किशोरावस्था के आकार की तथा शरीर विज्ञान जनक में बदलाव आता है और उसके बाद उसमें प्रजनन व्यवहार शुरू हो जाता है। पुरुष में दांडी मोर्चे तथा आना तथा महिलाओं में स्तन का बढ़ना रितु शराब चक्र से प्रजनन अवस्था का पता चल जा सकता है विभिन्न जीवो में प्रजनन अवस्था की विधि अवधि होती है।
लैंगिक जनन के कई लाभ हैं। लैंगिक जनन से उत्पन्न संतति आनुवंशिक दृष्टि से भिन्न होते हैं। इस संतति में जो आपस के आवरण के अनुकूल होते हैं वही जीवित रहते हैं और जनन की क्रिया नए संतति को जन्म देते। यह संतति वातावरण के अनुकूल होती है तथा स्पीशीज को बढ़ाने में मदद करती है।
स्पीशीज पक्षी तथा स्थान पर जीवन में जनन के दौरान आंतरिक निषेचन होता है जलीय जीवों जैसे सवाल मछलियों बाय निषेचन होता है
साधनता प्राकृतिक में रहने वाले पक्षी केवल विशेष मौसम आने पर ही अंडे देते हैं परंतु कुकुट फॉर्म में मुर्गियों वर्ष भर में अंडे देती है। पर इसलिए संभव हो पता है कि इन मुर्गियों मे वर्ष भर में अंडे देती है इसलिए संभव हो पता है इन मुर्गियों को मनुष्य के उपयोग के लिए अंडे देने के लिए ही विकसित किया गया है। संरक्षण में रहने वाले पक्षियों पर लागू होता है |
मानव मेडक के शरीर से एंड निकालकर पानी में आ जाता है जहां उसमें निषेचन क्रिया होती है नर्मदा छिपकली के संयम निषेचन और बन जाते जो वृद्धि करके एक नए जी बनाते।
(3) मध्य चक्र तथा रितुशराब चक्र क्या है
उत्तर :- अप्रस्तनिक स्तनपाई जीवों में जनन अवस्था में शारीरिक बदलाव आने लगते हैं इसमें अंडाशय की सक्रियता का सहाय का और हार्मोन में परिवर्तन आने लगते हैं।
नए मनीषा कांच नई प्राइवेट स्तनधारी में पाए जाने वाले चक्र को मध्य चक्र कहते हैं। गायक कुत्ता चीता हिरण चूहा बड़ा आदि में मत चक्र पाया जाता है गाय कुत्ता चीता हिरण चूहा भी आदि इस प्रकार काजल चक्र जब पेमेंट में पाया जाता है तो उसे रितु शराब चक्र कहते हैं उदाहरण के लिए दूसरा चक्र मनुष्य बंदर तथा गोरिल्ला में पाया जाता है
अधिकांश स्तनधारी अपनी प्रजनन अवस्था के दौरान ऐसे चक्र का प्रदर्शन करते हैं। इन स्तनधारी के मौसमी प्रजनन कहा जाता है। अधिक कौन सा स्तनधारी अपने पूर्ण जन्म काल में प्रजनन की क्रिया होते हैं इस कारण स्तनधारी के सदस्य कहा जाता है जैसे-जैसे जीव की उम्र बढ़ती जाती है। वह वृद्धावस्था की ओर अग्रसर होता है प्रजनन आयोग की समाप्ति को जीवन करता या वृद्धावस्था मापदंड के रूप में माना जा सकता है। इसका तात्पर्य है कि वृद्धावस्था को प्राप्त कीजिए वह में प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। शरीर के बदलाव आने लगते हैं जैसे उपचारों की गति धीमी पड़ जाती है। वृद्धावस्था का अंत मृत्यु के रूप में होता है। शैशवावस्था योजना अवस्था तथा वृद्धावस्था इन तीनों प्रवस्थाओं का हार्मोन जिम्मेदार होते पुलिस आफ हॉरमोन में बदलाव के कारण ही एक प्रावस्था से दूसरी प्रावस्था के बीच परिवर्तन होता है। हार्मोन तथा वातावरण के बीच परस्पर क्रियाएं जीवन की प्रजनन प्रतिक्रिया तथा उसमें परस्पर व्यवहार को नियंत्रित कर दिया।
(4) जीवो में लैंगिकता से आप क्या समझते हैं
उत्तर :- पौधे में नर तथा मादा जनन अंग दोनों जब एक ही पौधे में पाया जाता तो उसे उभयलिंग यात्री कहा जाता है जैसे मक्कारी गुड़हल नारियल आदि अलग-अलग पौधे पर विद्वान होते हैं तो उसे एकलिंग यात्री कहा जाता है जैसे खजूर सैटरडे भांग पपीता आदि। जी उसमें प्रोफेसर का स्त्रीकेसर दुर्गा विद्वान रहता है उसे बिल्डिंग की पुष्प कहते हैं पुष्प तथा जी पुष्प में केवल स्त्रीकेसर विद्वान रहता है उसे एक लिंगी पुष्प कहा जाता है
कटक में प्रजातियां साल जालिक या विषम जाल को हो सकती है। जैसे राइजोपस में समझलित स्पीशीज के कटक तंतु एक ही प्रकार के होते हैं तथा वह शरीर की आत्मक दृष्टिकोण के समान है परंतु विषम जालिक स्थिति में दो प्रकार के स्पीशीज में कटक तंत्र एक ही प्रकार के होते हैं तथा वह शरीर क्रियात्मक दृष्टिकोण से समान होते हैं परंतु विषम जालिक स्थिति के दो प्रकार फैलस पाए जात है। तथा शरीर क्रियात्मक दृष्टिकोण के समान होते परंतु दृष्टि से भिन्न होता है कैलाश की समस्या विषम जालिकता कहा जाता है विषम झलकता स्पीशीज में लैंगिक जनन के समय दो भिन्न कटक जालकों की अवस्था पड़ती है।
फुनेरिया का पौधा पौधा सामान्य उभयलिंग यात्री होता है अर्थात उधानी तथा स्तनधारी एक ही पौधे पर पाए जाते हैं
सहायक आवृत्तबीजी पौधा है इन पर उभयलिंग यात्री से होता है |
(4) बाय तथा आंतरिक निषेचन क्या है समझाएं |
उत्तर :- निषेचन क्रिया जब शरीर के बाहर होता है तो उसे बाय निषेचन कहते हैं जैसे जलीय प्राणी सवाल मछली मेंढक जुल्फी से स्टार फिश आदि इन प्राणियों में युग्मक संलयन जल में होता है। बाय निषेचन करने वाले जीव नर तथा मादा युग्म के एक ही समय विसर्जित होते हैं। वह सामान्य प्रदर्शित करते हैं पुलिस तो बाय निषेचन करने वाले जीव में निषेचन एकमात्र सहयोग है। इसलिए निषेचन के सफल बनाने के लिए नर तथा मादा दोनों प्रकार की कीमत बड़ी संख्या में जीव द्वारा बनाए जाते। एक ही सीट एवं जंतु में 100 मिलियन अंडे देती है पोस्ट ऑफिस में केवल खुशी एंड निषेधुपाते बार-बार की मेंढक तथा बनी मछली बड़ी संख्या में संचालित पैदा होते चुकी यह सिंथेटिक बाय वातावरण से उत्सर्जित होकर होते रहते हैं उनकी संतान की शिकारिता द्वारा शिकार होने की संभावना अधिक रहती है इस कारण पैदा हुई संतान उत्तर जीवित पर खतरा मंडता रहता है।
जब युग्मक संलयन जीव के शरीर के अंदर होता है तो इस प्रकार के शरीर के बाहर होते इस प्रकार के निषेचन को आंतरिक निषेचन कहते हैं उच्च श्रेणियां के पौधे में इस प्रकार का निषेचन पाया जाता है जैसे सरीसृप पक्षी स्तनधारी पादपो में ब्रायोफाइटा टेरिडोफाइटा अनवीकृत विधि तथा आवृत्ति बीजी में आंतरिक निषेचन नहीं होता है। कटक में लैंगिक जनन में आंतरिक निषेचन होता है।
में जीव इन सभी जीव में एंड मादा शरीर के अंदर बनते हैं इनके नर युग्मक चलनशील होते हैं। इन नर युग्मक को एंड तक पहुंचाने के लिए किसी माध्यम का आवश्यकता पड़ती है जैसे बताया जा चुका है कि फायदा युग्मक जिन्हें कहा जाता है इसके स्थानांतरण के लिए जल के माध्यम का आवश्यकता पड़ती है। बिजी में ए परगना होता है। पुष्पीय पौधों में परागण वायु की चमगादड़ पक्षी आदि के माध्यम द्वारा वर्तिका तक पहुंचने पुलिस स्टाफ परगना परमपूरित होते हैं और नर युग्मक टकले जाते हैं।
आंतरिक निषेचन करने वाले जीव में मादा युग्मक की संख्या कम होती है परंतु शुक्राणु पुन्नू की संख्या अधिक होती है मादा अचलनशील होता है। अधिकांश आंतरिक निश्चय करने वाले प्राणियों में शुक्राणु लिंग द्वारा मादा योनि विसर्जित मुक्त किए जाते हैं इस कारण न तथा मादा युग्मकों की संख्या कम होती है। आंतरिक निषेचन करने वाले जीव में मिथुन अंग नहीं होता है जैसे ऑक्टोपस में शुक्राणु ऑक्टोपस की 8 से एक भुजाएं एक नियंत्रित रहता है ऑक्टोपस इस भुजा को मद के अंदर प्रवेश करता है तब भुज टूट कर फट जाती और एंड पर शुक्राणु की वर्षा हो जाती है न ऑक्टोपस अपनी टूटी हुई भुजा को पुनर्जीवित कर लेता है।
(5) युग्मक स्थानांतरण की क्रिया क्या है समझाएं |
उत्तर:- सीपीसी संबंधी में एक ही प्रकार के युग्मक बनते हैं परंतु विषम युग्म की में स्पीशीज में दो प्रकार के विभाग बनते हैं नर तथा मादा युग्मक कहा जाता है युग्मक अवगुणित होते हैं चाहे उन्हें जनक जिससे वह उत्पन्न हुए थे अगुणित हो या द्विगुणित अगुणित जनक में युग्मक में सूत्री विभाजन द्वारा बनते हैं परंतु दुग्ध जनक में अर्धसूत्री विभाजन द्वारा बनते हैं सवाल जैसे क्लोरोमोनास तथा यूरोस में पादप का आधुनिक होती है लैंगिक जनन के दौरान युग्मक बनते हैं यूरो ट्रिक में तंतु की कुछ कोशिकाएं युग्मक ढाणी के रूप में कार्य करने लगती है। इसमें सूत्री विभाजन द्वारा द्वारा अधिक युग्मक मानते हैं सवाल की तरह कटक ब्रायोफाइटा में भी पादप का आधुनिक होती है फुल स्टेट में जीव जिसका संबंध टेरिडोफी हटा अनावृतबीजी तथा आवृत्ति बीजी होता है उसके कार्य दुगनी होती है मनुष्य में भी जनन किया का दुगनी होता है दुगनी जीवन में विभाजन कोशिका माइक्रो टाइप या युग्मक मदर कोशिका और स्थिति विभाजन से होकर गुजरती विभाजन के अंत में गुणसूत्र का केवल एक ही सेट प्रत्येक युग्मक समाहित रहता है तालिका 1.2 में कुछ जीवन के आधुनिक तथा विभिन्न सूत्रों की संख्या दी गई है |
Note :- अगर आपको अच्छा 12वीं के छात्र हैं और 2025 परीक्षा में फाइनल एग्जाम देने वाले हैं तो आप आपका परीक्षा 1 फरवरी से होने वाला है अगर आपका बिल्कुल भी परीक्षा का तैयारी नहीं हुआ है तो आप इस वेबसाइट के माध्यम से अपना लघु उत्तरीय दुर्गत में साथी शॉर्ट क्वेश्चन का तैयारी बेहतरीन ध्यान से कर पाएंगे धन्यवाद
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