Class 12th Hindi VVI Long Question 2025: कक्षा 12वीं हिंदी 100 मार्क्स दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

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Class 12th Hindi VVI Long Question 2025: कक्षा 12वीं हिंदी 100 मार्क्स दीर्घ उत्तरीय प्रश्

Class 12th Hindi VVI Long Question 2025: कक्षा 12वीं हिंदी 100 मार्क्स दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(1) किसकी विजय हुई सी की , की  किस शासक की की नागरिक की किसी के पास पूछने का अवकाश नहीं है

उत्तर :- प्रस्तुत पंक्तियों अशोक बाजपेई द्वारा रचित हरजीत नमक गद्य कविता से ली गई है। इस पंक्तियों में कवि ने प्रश्न पूछा है कि आखिर इतना बड़ा उत्सव जो मनाया जा रहा है। सारी जनता जेंट्स करने में मशगूल है। आखिर किसके विजय हुई। सेवा की शासन किया नागरिकों की। प्रजा बहुत ही गंभीर है। वस्तु स्थिति तो यह है कि हार जीत की भी नहीं हुई। विजय तो प्रतिपक्ष की हुई है। कवि ने अपनी गद्य कविता में हमारे देश की जो परिस्थितियों है। उसका सही चित्रण किया है। किसी को भी पूछने की आवश्यकता भी नहीं है। की आखिर किसकी विजय हुई और यह जश्न मनाने का असली राज है ? 

जनता सोई हुई है। उसमें चेतना का अभाव है। उसे देश की चिंता नहीं है। हुआ पेट के आज में जल रही है और दिवस में अभिशप्त जीवन जीने के लिए। वर्तमान परिवेश का सही चित्रण हुआ है। चतुवेदिक संकट है। मांडव मूल्य में आई गिरावट ने हमारे अस्तित्व पर ही संकट पैदा कर दिया है। जब तक प्रजा चेतना संपन्न नहीं हो जाती पुरे स्टॉप अपने इतिहास में वाकिफ नहीं होता है उसे अधिकार और कर्तव्यों की समझदारी नहीं हो रही है जब तक तो संकट बना रहेगा और शासक वर्ग उसे मूर्ख बनाता रहेगा और जश्न मनाने के लिए उन्हें बाध्य करता रहेगा विजय का सहारा सी शासन और नागरिकों को मिले यह भी एक षड्यंत्र है। यह सत्ता के लोगों का सत्य से विमुख होकर झूठी शान में भी जा रहे हैं। नागरिक की असली कम युक्त और स्वार्थ परख बन गए हैं। सत्ता के लोग मुंह में लिप्त रहकर वे सदैव जनता का विशेषण और तिरस्कार करने में लगे हैं। उन्हें सिद्धांत और व्यवहार की सही जानकारी भी नहीं है। अपने स्वार्थ में इतना डूबे हुए हैं कि सत्य से कोसों दूर जनता के प्रति तनिक भी संवेदना नहीं है। इस प्रकार से ना शासन और नागरिक यानी त्रिकोण राष्ट्र और जान के साथ ते की चाल से चल रहे हैं। यह सही रूप से दूर तक चलाया बाज और असरवादी हैं। उन्हें न राष्ट्र की चिंता है ना जानता कि इन्हें सत्ता और सुख सुविधा प्यारी है। इसलिए झूठी अफवाहों के जाल में भोली भाली जनता को फंसा कर अपना उल्लू सीधा कर रहे है ? 

(2) कोरोनावायरस पर निबंध लिखें

उत्तर:- कोरोना वायरस का संबंध वायरस के कैसे परिवार से है इसके संक्रमण जुकाम से लेकर सांस लेने में भी तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है इस वाइरस को पहले कभी-कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर 2019 के चीन के वाहन शहर में शुरू हुआ था। हो के मुताबिक बुखार खांसी लेने में तकलीफ इसके प्रमुख लक्षण है। अब इस तरह के वाइरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।

इसके शंकर में के फल स्वरुप बुखार जुखाम सांस लेने में तकलीफ नाक बहन और गले में का खास जैसी समस्या उत्पन्न होती है फुल स्टोर या वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैला है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बढ़ती जा रही है।

कोरोनावायरस खांसी और ठीक से गिरने वाली बूंद के जरिए फैलता है। कोरोनावायरस अब चीन में उत्तरी तीव्र गति से नहीं फैल रहा है जितना दुनिया में अन्य देशों में फैल रहा है। कोविद-19 का नाम या वायरस अब विश्व के सभी देशों में फैल चुका है। कोरोना के संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सामाजिक दूरी बनाए रखने की जरूरत है और ताकि से फैलने से रोका जा सके। भारत सरकार ने 22 मार्च 2020 को इसके महामारी से फैलने के रोकने के लिए जनता कर्फ्यू लगाया था पूरा देश अपने-अपने घर में बंद था इसके बाद सरकार ने अपने देश विभिन्न जिलों के लॉकडाउन लगाकर सामान जीव व्यापार पर अंकुश लगा दिया। इसके बाद पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया गया 15 में 2020 तक विश्व में कोरोनावायरस के करीब 44 लाख लोग संक्रमित हुए थे जिसमें लगभग 3 लाख लोगों की मौत का शिकार हुआ पूरे स्टॉप सबसे ज्यादा संक्रमण तथा मौत अमेरिका में हुआ भारतीय 75000 थी करने वाले की संख्या 2580 फ्रांस में नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक लोक मार्टनरी इस दावे का समर्थन किया कि कोरोनावायरस उत्पत्ति चीन वहां के प्रयोगशाला 2019 में हुई थी या वायरस मानव निर्मित है। एड्स बीमारी की वैक्सीन बनाने को कम से या घातक वायरस तैयार हुआ पुलिस स्टाफ इस वायरस में मलेरिया के कुछ तत्व भी होने की आशंका है। विश्व के महत्वपूर्ण धनपति बिल गेट्स ने भी 2015-16 में इस वायरस की इशारा किया था यह वाइरस विश्व के सभी देशों में फैल रहा है भारत में भी इसे बचाने के अथक प्रयास किया जा रहे हैं भारत वासियों सचेत रहने की जरूरत है विज्ञान अभी तक महामारी से बचने का निश्चित उपाय नहीं बताया है। ना ही कोई व्यक्ति बन पाई है इसमें सामाजिक दूरी हाथ मुंह की स्वच्छता ही बचाव एकमात्र उपाय। इस महामारी की तुलना दूसरे विश्व युद्ध की जा रही है

यह संक्रमण पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को अपनी चपेट में ले रहा है। या आजाद भारत का सबसे गंभीर सबसे खतरनाक आर्थिक संकट होगा। इस भीषण अनहोनी कहे तो आतिश योग नहीं होगी पिछले तीन-चार वर्ष में देश नोटबंदी जीएसटी बैंक घोटाला आदि कई तरह की समस्या झेल चुका है। आप पूरा विश्व भारत सहित महामंदी की ओर जाने की सच्चाई दिखाई पड़ रहा है।

कुछ विचारकों का मानना है कि यह संक्रमण चीन अमेरिका के व्यापार युद्ध परिणाम है कुछ विचारक कहते हैं कि यह चीन द्वारा अमेरिका के विरुद्ध रासायनिक युद्ध है जो तृतीय विश्व युद्ध के रूप में दिख रहा है महामारी वाले विष्णु का यह संक्रमण मनुष्य की ही चरित का परिणाम है प्राकृतिक पर अत्यधिक स्थानांतरित करने हमारा प्रयास आध्यात्मिक है हमारा स्थित प्रकृति से प्राकृतिक हमारे हमसे नहीं पुलिस ऑफ विषाणुओं द्वारा यह प्राकृतिक प्रकोप संपूर्ण आर्थिक समृद्धि और विकास को एक झटके में मिटा सकता है। विज्ञान दिखता ही रह जाएगा। इस संक्रमण के दुष्प्रभाव मनुष्य की मौत के रूप में दिख रहे हैं किंतु प्राकृतिक प्रदूषण कम हो रहा है।

(3) देशभक्ति पर निबंध लिखें ?

उत्तर :- देशभक्ति राष्ट्र के कल्याण के लिए करने और जीने का नाम है। एक देशभक्त अपने देश का सच्चा प्रेमी होता है। सा राष्ट्र और उसके निवासियों का कल्याण करना एक देशभक्त का सबसे बड़ा कर्तव्य होता है। हर देश ने ऐसे राष्ट्रभक्तों को उत्पन्न किया है। देश की स्वतंत्रता और उसका विकास पर लोगों के आधारित है पुलिस ऑफ देश की चौमुखी विकास उसके निवास करने वाले राष्ट्रभक्तों की संख्या पर निर्भर है। हम अपनी मातृभूमि के ऋणी। अपने यहां जन्म लिया और इस मिट्टी का सौगंध है कि हम अपने भारत में जन्म लिए हैं। इसलिए हम सभी देशवासियों को स्वतंत्रता और विकास के लिए उत्तरदाई है। अगर हम इमानदार होंगे तो हमारा देश धनी और संपन्न होगा। हमारे जीवन का प्रमुख दायित्व अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदारी तथा अधिकारों का बलिदान होगा चाहिए यह देशभक्ति का पहला कदम है।

एक सच्चा देशभक्त प्राथमिक जिम्मेदारी के कुछ अधिक ही करता है वह अपने जीवन और संपत्ति के बारे में कभी-कभी चिंता नहीं करता पुलिस स्टाफ को अपना जीवन और सब कुछ देश के लिए न्योछावर करके सदा तैयार रहता है। उसका जीवन अपने अपने हित और अपने परिवार तक ही सीमित नहीं रहता। हुआ अपने देश और सेवाओं को सदैव चिंता करता है राष्ट्रीय हित के निजी हित को बढ़ाकर। दलों और शासको को मारने देशभक्ति की हिट है उनके निजी से बढ़कर है राजनीतिक। दलों को शासको के मध्य देश भक्ति भावना चाहिए। अगर राष्ट्रहित की बाद सोचेंगे तो देश का विकास कल्पना से होगा। आजकल विशेषताएं भारत में बहुत कम लोग हैं जो सच्चे राष्ट्रभक्त हैं। राजनीतिक और शासन के सभी पहले अपने कल्याण के बारे में सोचते हैं। हुए अपनी जेब भरने की फिक्र में रहता है। देश के लिए यदि वह कुछ करते भी हैं तो उसका उद्देश्य एक निश्चित लक्ष्य चुनाव में मत प्राप्त करने ते सीमित रहता है पुलिस स्टाफ उन्होंने देश से ना तो प्यार और ना ही उसके लिए दिन में कोई दर्द है वह नकली देशभक्त हैं। स्वार्थी हैं  उनमें नैतिकता और बलिदान की उच्च भावना नहीं है।

एक सच्चे देशभक्त की उसके देशवासियों की इज्जत करते हैं यहां तक की उसकी पूजा भी करते हैं उनकी भावना सिर्फ अपने देश तक नहीं सीमित बल्कि सारे विश्व तक इसका प्रसार होता है फुल स्टार वह मानव जाति के हिट बात सोचता है इस दृष्टि से देखा जाए तो महात्मा गांधी आदर्श देशभक्ति पुलिस ऑफ वे सिर्फ भारत के लिए नहीं मानव मात्र के आदर्श थे पुलिस स्टाफ सुभाष चंद्र बोस चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह ऐसे देशभक्त थे जिन्हें देश के ऊपर खुशी-खुशी अपनी प्राण न्योछावर कर दिए। हमारे पूर्वज में महाराणा प्रताप शिवाजी रानी लक्ष्मीबाई वीर कुंवर सिंह और अन्य का इनाम है। एक देशभक्त मृत्यु के समक्ष ही साक्षी और विवेक रहता है। राष्ट्र और विश्व की भविष्य राष्ट्र भक्तों पर निर्भर करता पुलिस तब अगर किसी देश में राष्ट्रभक्ति की संख्या में वृद्धि होती है तो वह देशभक्त विशिष्ट सम्मान प्राप्त करता है एक सच्चा राष्ट्रभक्त सिर्फ अपने देशवासियों के बारे में ही नहीं सोचता बल्कि वह अपने पूरे मानव जाति के बारे में सोचता है। महात्मा गांधी ने ठीक ही कहा मेरे राष्ट्रभक्ति में सारी मानव जाति की भलाई समिति है।

(4) संपूर्ण क्रांति “ शीर्षक निबंध का सारांश लिखे।

सन 1974 में पटना के गांधी मैदान में छात्र संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं तथा नागरिकों की अपार वीर को संबोधित करते हुए जयप्रकाश नारायण ने जो भाषण दिया था उसी का एक आंसर यह लेख है

इस आलेख में सबसे पहले उन्होंने नेतृत्व के संबंध में अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया। उन्होंने छात्रा के संगत समिति के सदस्य से कहा था कि वह मार्गदर्शन करेंगे नेतृत्व नहीं मगर बहुत आगरा करने पर वह इन सर्च के साथ तैयार हुई कि वह सब की राय लेकर मगर फैसला भी करेंगे और सबको मानना होगा। अगर कोई उन्हें डिक्टेशन करना चाहेगा तो उसे अलग हो जायेंगे।

जयप्रकाश नारायण जी ने अपने अमेरिका प्रवास का उल्लेख करते हुए यह कहा कि वहां घर कम्युनिस्ट था लेकिन भारत अपने आजादी की लड़ाई में लेनिन किसी के कारण सम्मिलित हुआ पुलिस ऑफ लेनिन का कथन है कि जो देश गुलाम है वह आजादी की लड़ाई में कम्युनिस्टों के अवश्य भाग लेना चाहिए। भले ही उसका नेतृत्व क्लास के हाथ में हो।

उन्होंने तत्कालीन परिस्थितियों में उल्लेख करते हुए कहा कि समिति प्रदर्शन के लिए हजारों लोग पूरे राज्य से आ रहे हैं। और सारे कांग्रेस मुझे सब सीखते हैं की छात्रा के आंदोलन लोकतंत्र खतरा उत्पन्न हो गया। आप इसमें भाग ना ले। पर बहुत उपित होकर कहते हैं कि लोकतंत्र सिखाएंगे। इन लोगों को शर्म नहीं आती लोकतंत्र की बात करते हुए क्या लोकतंत्र में जनता को शक्ति पूर्व प्रदर्शन या सभा करने के अधिकार नहीं है। जनता के प्रतिनिधि होकर किस हैसियत से यह लोग जनता को रोकना है। शर्म नहीं डूब जाना चाहिए इन लोगों को उनकी दृष्टि में इनवर्टेड कोमा अगर कोई डेमोक्रेसी दुश्मन है तो वे लोग अपनी जनता की शांति कार्यक्रम पर बाधा डालते हैं। उनकी गिरफ्तारी करते हैं उनकी उन पर लाठी चार्ज करते हैं उसे पर गोलियां बरसाते हैं

कुछ लोगों ने जयप्रकाश जी को बताया था कि कांग्रेस वाले उनके विरोध को नेहरू तथा इंदिरा के व्यक्तिगत विरोध के रूप में प्रचलित कर रहे हैं फुल स्टेप इन को स्पष्ट करते हुए उन्होंने टूक शब्दों में कहा कि मेरा विरोध नीति और कार्यपालिका को लेकर व्यक्ति से नहीं फुल स्टाफ में नेहरू का बड़प्पन मानते हैं कि उनकी गलतियों का जब प्रकाश द्वारा की गई तो आलोचनाओं को कभी उन्होंने व्यक्तिगत मामला नहीं माना पुलिस स्टाफ इसी तरह इंदिरा जी ने मतभेद नीतियों के लेखन है वह इन बात को लेकर ज्यादा दिखे हैं राजनीतिक में प्रशासन के घर भ्रष्टाचार जब |

जब प्रकाश की दृष्टि में भ्रष्टाचार का मूल कारण चुनाव का खर्चा है। राजनीतिक पार्टियों चारों ओर कलाबाजियों से चंदा के नाम पर धन लेती है और चुनाव के बिस्मार्क खर्च होता है। स्ट में गरीब और युग के चुनाव लड़ पाए हैं और ना जीत पाए। हुआ पैसा खर्च करके जीतने वाले लोग भ्रष्टाचार को प्रेस देते हैं आज स्थिति यह है कि हर स्थल पर घूस का व्यापार है और उनके बिना जनता के साथ अन्य किया द्वारा।

इसी क्रम में जयप्रकाश जी इन बात को ध्यान में रखते हुए उल्लेख करते हैं कि मेरे बारे में बुद्धिजीवियों ने यह भ्रम फैलाया कि मैं दलविहीन लोकतंत्र का स्थापना चाहता हूं यह सर्वोदय का सिद्धांत है और इनका प्रचार भी करता हूं। लेकिन इस आंदोलन के प्रसंग मैं इन चर्चा की नहीं है फिर से केवल कम्युनिस्ट भाइयों का भ्रम दूर करने के लिए बताना चाहता हूं यह सर्वोदय का सिद्धांत है और इसका प्रचार भी करता रहूं लेकिन इस आंदोलन के प्रसंग में मैं इस चर्चा नहीं की है पुलिस ऑफ फिर भी कम्युनिस्ट भाइयों का भ्रमण दूर करने के लिए बनना चाहता हूं ले ली तथा मार्क्स दोनों के अनुसार दल भी लोकतंत्र समय बाद के मूल उद्देश्य में से ही जैसे-जैसे समाजवाद बढ़ेगा राज्य का महत्व चिन्ह होता जाएगा और राजीव हिंद समाज बनेगा वे सच्चे लोकतंत्र का सूचक होता।

वर्तमान आंदोलन के भविष्य में उनका दृष्टिकोण है किया लोग केवल विधानसभा के विघटित है के लिए नहीं है इस अधिकार के लिए लड़ाई है जनता को यदि मतदान के द्वारा प्रतिनिधि चुनने का अधिकार है तो अपने आयोग ब्रह्म भ्रष्ट करते और जनाकांक्षा के विरुद्ध काम करने वाले प्रतिनिधि के विधानसभा या संसद से लौटने का अधिकार हो चुनाव के अवसर हटाकर खारिज करना अधिकार नहीं |

इसी प्रसंग में जयप्रकाश ने छात्र संघ समिति के सदस्य के कार्य नित्य का भी उल्लेख किया है। उनका कहना कि संघर्ष समितियां केवल आंदोलन और प्रतिनिधि वापसी के अधिकार की लड़ाई तथा सीमित ना रहे उनका काम हर अन्य और अन्य नीति के विरुद्ध संघर्ष करना है सरकार के कामकाज पर नजर रखना और जनता को अन्य से बचाना था उनका हक दिलाने भी उनका काम है। यह निर्दलीय संघर्ष समितियां अस्थाई रूप से कामयाब रहेंगे और केवल लोकतंत्र के लिए नहीं बल्कि सामाजिक आर्थिक और नीति क्रांति के लिए अथवा संपूर्ण क्रांति के महत्व का कार्य करेगी।

(5) सुभद्रा कुमारी चौहान की  रचना का सारांश लिखें ? 

उत्तर :- पुत्र वियोग कविता शुद्ध कुमारी चौहान का एक शोक गीत है जिसमें पुत्र के असाइनमेंट निधन से व्यवस्थित मां की पीड़ा का वर्णन किया गया है। कविता का प्रारंभ विषमता पूर्ण परिवेश से हुआ है। स्वाभाविक प्रवृत्ति के अनुसार दिशाएं प्रश्न है और विश्व भर में उल्लास छाया हुआ है। लेकिन इस विपरीत मां का हृदय चिंता और पीर से बेचैन है कि अभी तक उसका पुत्र उसके पास नहीं आया है लेकिन वह आए कैसे। हुआ तो संसार से विदा हो चुका है |

जिसे ठंड लग जाने के भविष्य में मां कभी गॉड से जमीन पर नहीं उतरती थी एक बार मां का कर पुकारते ही इसके लिए सब काम छोड़कर दौड़ी चली आई थी वह पुत्र मां पुकारने के लिए इस दुनिया में नहीं है 

जिससे वह लोरी गाकर थपकियां लगाकर सुनती थी जरा सा अस्वस्थ होने पर या मालिन अनुभव करने पर चिंतावास सारी रात आंखों में बिता देती थी वह पुत्र उसके पास नहीं है।

जिसको पाने के लिए उसने अपनी आपको भूलकर पत्थर को देवता मन कर पूजा अर्चना का प्रसाद चढ़ाया था कि वह प्राप्त हो और उसे सुखी रहे बड़ी तपस्या से प्राप्त पुत्र आज उसमें छिन गया। कल ने उसका छूना उसके छीन लिया और वह नहीं कर सकी आशा है बनी छटपटाती रहती | 

आज वह इस पुत्र के लिए तड़प रही है , उसके प्राण व्यवस्थित है। जानती है कि उसे उसका खोया हुआ पुत्र धन प्राप्त होने वाला नहीं है फिर भी वह रोती रहती है उसका मन नही मानता है | 

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Quiz

🌀 Class 12th Hindi Quiz Exam 2025 🌹

1 / 10

1) ‘संवाद’ में सबसे महत्त्वपूर्ण क्या है?

2 / 10

2) ‘बिना फेरे घोड़ा बिगड़ता है और बिना लड़े सिपाही’- यह पंत्ति किस कहानी में है? [2021A, I.A.]

3 / 10

3) ‘तेरी कुड़माई हो गई’ का किस कहानी से संबंध है? [2021A, I.Sc.]

4 / 10

4) बालकृष्ण ने ‘हिन्दी प्रदीप’ नामक मासिक पत्रिका निकालना कब प्रारस्भ किया?

5 / 10

5) आर्ट ऑफ कनवरसेशन’ कहाँ के लोगों में सर्वाधिक प्रचलित है?

6 / 10

6) लेखक को सपने में क्या करने की आदत थी ?

7 / 10

7) ‘विशनी’ किस एकांकी की पात्रा है ?

8 / 10

8) मोहन राकेश किस पत्रिका के सम्पादक रहे ?

9 / 10

9) डाक गाड़ी के पीछे चिट्ठी के लिए कौन जाती है ?

10 / 10

10) उदय प्रकाश जी ने किस अंग्रेजी पत्रिकाका सम्पादन किया ?

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